कटनी, रीठी।। GANESH UPADHYAY VANDE BHARAT LIVE TV NEWS KATNI MP.
कटनी जिले की रीठी जनपद पंचायत अंतर्गत आने वाली वनबासी ग्राम पंचायत बसुधा में स्थित प्राकृतिक वाटरफॉल इन दिनों पर्यटकों के मनोरंजन का विशेष स्थान बना हुआ है। बीते दो-तीन दिनों तक हुई झमाझम बारिश से उक्त वाटरफॉल में पानी का बहाव बढ़ गया है। बारिश के बीच सावन के इस हरियाली भरे मौसम में यहां का नजारा देखते ही बन रहा है। बताया गया कि बारिश होते ही अब यहां पर्यटकों का पहुंचना भी शुरू हो गया है।
सौ फिट नीचे गिरता है पानी
बताया गया कि ग्राम पंचायत बसुधा में स्थित प्राकृतिक वाटरफॉल (मिनी धुंआधार) में चारों तरफ से घिरे हुए पहाड़ के बीच एक पहाड़ की चट्टान को चीरते हुए लगभग सौ फिट नीचे कुंड आकार में बने तालाब में पानी गिरता है। बताया गया कि उक्त छोटे से तालाब की गहराई का आकलन भी नहीं है। चारों तरफ से बड़े-बड़े पहाड़ों से घिरे इस नजारे को देख लोग मंत्र मुग्ध हो जाते हैं। यहां पहुंच रहे पर्यटक पानी बीच फाॅल का मजा ले रहे हैं।
सौंदर्य देखने के लिए तय करना पड़ता है दुर्गम रास्ता
बताया गया कि विकास से अछूती रही रीठी जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत बसुधा के इस प्राकृतिक सौंदर्य को देखने जाने के लिए बड़े ही दुर्गम रास्तों से होकर गुजरना पड़ता है। यदि आप ग्राम पंचायत बसुधा होकर जा रहे हैं तो मंजिल तक पहुंचने के लिए लगभग 4 किलोमीटर तक पैदल ही जाना पड़ेगा। वहीं यदि आप ग्राम पंचायत नैगवां के आश्रित गांव कुड़ाई से होकर जा रहे हैं तो कुड़ाई गांव के एक किसान के घर के अंदर से होकर पगडंडी वाली रास्ते से आप झरने के ऊपर पहुंचेंगे और फिर वहीं झाड़ियों के सहारे नीचे उतरना पड़ता है।
विहंगम दृश्य और प्राकृति की अनुपम छटा को कैमरे में कर रहे कैद
बसुधा का गार वाटरफॉल और आसपास के जंगल का हरा-भरा सौंदर्य लोगों को आकर्षित कर रहा है। बारिश के साथ ही चारों ओर की हरियाली और उसके बीच में सैकड़ों फिट की ऊंचाई से गिरते पानी को देखने लोग रीठी-कटनी के साथ-साथ आसपास के जिलों से भी पहुंचते हैं। पर्यटक विहंगम दृश्य और प्राकृति की अनुपम छटा को कैमरे में भी कैद कर रहे हैं।
यह थी विकास की योजना जो ठंडे बस्ते में पड़ी
रीठी तहसील के वनबासी गांव बसुधा में प्राकृतिक वाटरफॉल को इको टूरिज्म पाइंट का रूप सालों बाद भी नहीं मिल सका है। पूर्व कलेक्टर विशेष गढ़पाले ने फाॅल और आसपास की सुंदरता को देखते हुए ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग को उक्त स्थल को डेवलप करने का प्रस्ताव तैयार कराने को कहा था। बताया जाता है कि प्रस्ताव तैयार हुआ लेकिन उसके बाद नियमों के आड़े आ जाने से उसपर काम नहीं हो सका। रीठी तहसील के गांव में बसुधा की गार कहे जाने वाले क्षेत्र में प्रकृति का सौंदर्य देखने लोग दूर-दूर से पहुंचते हैं लेकिन पहुंचने वालों के हिसाब से विकसित करने की योजना थी। पूर्व कलेक्टर विशेष गढ़पाले ने 19 अगस्त 2017 को पर्यटन विकास समिति की बैठक में बसुधा में पर्यटन के विकास की संभावनाओं को देखते हुए स्थल को डेवलप करने आरइएस को काम सौंपा था। जिसमें वीव पाइंट, बैंच व्यवस्था, साइन बोर्ड, रैलिंग के अलावा नीचे वाटर स्ट्रक्चर डेवलप किया जाना था।
22 लाख की बनी थी योजना
पर्यटन समिति की बैठक के बाद आरइएस ने बसुधा फाल के आसपास के एरिया को डेवलप करने का प्रस्ताव तैयार किया था। जिसमें 28 लाख रुपए से विकास के काम कराए जाने थे। राशि जिला प्रशासन द्वारा खनिज मद से दी जानी थी, लेकिन मद के नियमों में बदलाव आ जाने के बाद योजना की फाइल ठंडे बस्ते में पड़ी रह गई। लेकिन सालों का समय बीत जाने के बाद भी प्राकृतिक स्थल तक सुविधाजनक तरीके से लोग पहुंच सकें और आनंद उठा सकें। इसका इंतजाम नहीं हो सका है।
बढ़ाई गई सुरक्षा, वन विभाग ने तैनात किया चौकीदार
बारिश होते ही वाटफाल चालू होने से पर्यटकों का आना-जाना भी शुरू हो गया है। कोई भी व्यक्ति कुंड नुमा बने गहरे तालाब के पास न पहुंच सके इसके लिए वन विभाग ने बसुधा फाल की सुरक्षा बढ़ा दी है। वन परिक्षेत्र अधिकारी रीठी महेश पटेल ने बताया कि सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए मौके पर सुरक्षा घेरा बनाया गया है और वहां पर एक चौकीदार को भी तैनात किया गया है। ताकि पर्यटक पानी के तेज वहाब के नजदीक न जा सके। गौरतलब है कि बीते वर्ष उक्त कुंड में डूबने से एक शख्स की मौत हो गई थी। जिसकी शव काफी मशक्कत के बाद दूसरे दिन गोताखोर टीम के प्रयास से उक्त तालाब के अंदर झाड़ियों में फंसी मिली थी। जिसके बाद से उक्त मनमोहक स्थल पर वन विभाग की टीम द्वारा नजर रखी जा रही है।